रीवा। बाणसागर घोटाले की जांच में विशेष न्यायालय ने आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय कर दिया है। साथ ही आरोप से जुड़े सभी पहलुओं पर कोर्ट समीक्षा करेगा। इस बीच आगामी नौ मार्च को सुनवाई तय की गई है। जिसमें घोटाले की जांच करने वाली एजेंसी इओडब्ल्यू के तत्कालीन विवेचना अधिकारी के बयान दर्ज किए जाएंगे। 40 आरोपियों में अधिकांश प्रभावशाली लोग बताए जा रहे हैं। इनकी ओर से विवेचना अधिकारी पर दबाव भी बनाया जा रहा है। जिसके चलते इओडब्ल्यू के तत्कालीन विवेचना अधिकारी रहे एसएस शुक्ला ने जब तक अदालत में उनके पूरे बयान दर्ज नहीं हो जाते तब तक के लिए सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है।
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उनका कहना है कि इस घोटाले की जांच के दौरान भी उन पर दबाव बनाया जा रहा था लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान हर बारीकी से अध्यय किया और आरोपों के साक्ष्य जुटाए। बता दें कि शुक्ला के समय पर ही इस घोटाले की जांच में तेजी आई थी। उन्होंने ही पहला चालान कोर्ट में पेश किया था और उसके बाद कई पूरक चालान भी पेश किए। इसी बीच आरोपियों के दबाव की वजह से उन्हें विवेचना अधिकारी के दायित्व से हटा दिया गया था। कोर्ट ने भी मामले की गंभीरता को समझा है। सामान्यतौर पर विवेचक के कथन शुरुआत में कम ही लिए जाते हैं लेकिन यहां पर कोर्ट ने सबसे पहले एसएस शुक्ला को ही बुलाया है।
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इन आरोपियों पर शुरू किया गया है ट्रायल
कोर्ट ने आरोप तय करने के बाद जिन आरोपियों के विरुद्ध ट्रायल शुरू किया है, उसमें प्रमुख रूप से जलसंसाधन के अधिकारी- तत्कालीन प्रभारी मुख्य अभियंता पीसी महोबिया, बीके त्रिपाठी, एसके पाठक, सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री अनुपम कुमार श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त कार्यपालन यंत्री पार्थ भट्टाचार्य, एलएम सिंह, रवि प्रसाद खरे, केसी राठौर, एमपी चतुर्वेदी, बीपी रावत, जयविंद सिंह परिहार एवं उपभोक्ता सहकारी भंडार के तत्कालीन सीइओ रामदिनेश त्रिपाठी आदि शामिल हैं।
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फर्मों के संचालक- गुलाबदास अग्रवाल सतना, राजेश नारायण दर उर्रहट रीवा, विश्वनाथ मिश्रा रीवा, राजकुमार पटेल छत्रपति नगर रीवा, गुलाब प्रसाद पटेल बाणसागर कालोनी रीवा, चंद्रधर सिंह किला रोड रीवा, अभिषेक मदान, गुलाम अहमद, ओमप्रकाश अरोरा ग्वालियर, श्यामकुमार मदान हरपालपुर, बृजेश कुमार सिंह रीवा, सुरेश खंडेलिया शहडोल, सुरेश मदान हरपालपुर, प्रवेश मदान, किरण मदान हरपालपुर, राजकुमार अग्रवाल द्वारिका नगर, अनीता अग्रवाल, अर्जुन नगर रीवा, रमेश कुमार गुप्ता कोठी रोड रीवा, संजय मंधाना छिंदवाड़ा, मदनमोहन मुदड़ा इंदौर, माया यादव, उर्मिला तिवारी रीवा, संजय कछवाह चुरहट, राजेश महाजन इंदौर, एनके अग्रवाल, सुभाषचंद्र थापर रीवा, शशिभूषण अग्रवाल रीवा, बृजेश सिंह आदि शामिल है।
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निर्माण कार्यों के घोटाले की जांच होना बाकी
जानकारी मिली है कि बाणसागर घोटाले में जो चालान प्रस्तुत किए गए हैं उसमें सामग्री खरीदी और कार्यालयों का रखरखाव करने के नाम पर करीब साढ़े 12 सौ करोड़ रुपए का घोटाला हो गया है। जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार को संरक्षण देकर निर्माण कार्यों में भी गुणवत्ता की अनदेखी की गई है। माना जा रहा है कि इसमें भी करोड़ों का घपला हुआ है। कई शिकायतें भी की गई हैं जिसमें निर्माण से जुड़े कार्यों की भी जांच कराने की मांग शामिल है। इओडब्ल्यू ने शासन से पहले तकनीकी विशेषज्ञ मांगे थे लेकिन विशेषज्ञों के नहीं मिलने की वजह से अब तक उसकी जांच ही नहीं हो पाई है।