
भोपाल। पीपुल्स अस्पताल में वैक्सीन ट्रायल के लिए वॉलंटियर बने दीपक मरावी की मौत के बाद ममला गरमाने लगा है। दीपक की पत्नी वैजंती ने आरोप लगाया कि पति को बीमारी नहीं थी। टीका लगवाने के बाद से ही उनकी तबियत खराब होने लगी। डॉक्टरों ने ध्यान नहीं दिया था। 17 दिसंबर के बाद मुंह से झाग आने लगा था। वो इतने कमजोर हो गए थे कि घर से बाहर नहीं निल पा रहे थे।
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वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बिसरा जांच के लिए भेजा है। रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। यदि वैक्सीन का प्रभाव होता तो एक दो दिन में होता, इतने दिन नहीं होते। उन्होंने कहा कि मीडिया ऐसी खबरें ना फैलाए जिससे भ्रम हो।
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कांग्रेस का आरोप
वहीं, दूसरी तरफ राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पीड़ित परिजनों से मुलने पहुंचे। इश दौरान उन्होंने कहा कि दीपक को 750 रुपए का लालच देकर टीका लगवाया गया। टीका लगवाने के बाद से उसकी तबियत खराब हो गई। कांग्रेस ने इस मामले में जांच की मांग की है।
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कमेटी बनाने के निर्देश
वहीं, दूसरी तरफ मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने शनिवार को कमेटी बनाने के निर्देश दिए। गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ अरुणा कुमार ने हमीदिया अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ अरुण कुमार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की।
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वैक्सीन से नहीं हुई मौत
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभु राम चौधरी सामने आए। उन्होंने कहा- वैक्सीन के चलते मरावी की मौत नहीं हुई है, क्योंकि वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव होता तो वह 24 से 48 घंटे में असर दिखता।