फेसबुक (Facebook) के स्वामित्व वाले मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप (Whatsapp) ने घोषणा की है कि उसने प्राइवेसी अपडेट करने का अपना प्लान फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है। कंपनी का कहना है कि इससे यूजर्स को पॉलिसी के बारे में जानने और उसकी समीक्षा करने के लिए ज्यादा वक्त मिलेगा। फिलहाल प्राइवेसी पॉलिसी को 15 मई तक के लिए टाल दिया गया है।
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दूसरी ओर, कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज वॉट्सऐप को उसकी नई गोपनीयता नीति को ख़ारिज करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है। कैट ने अपनी याचिका में कहा है कि वॉट्सऐप की प्रस्तावित निजता नीति भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिकों के विभिन्न मौलिक अधिकारों का अतिक्रमण कर रहा है। कैट ने यह भी अपील की है कि वॉट्सऐप जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को संचालित करने के लिए केंद्र सरकार को दिशा-निर्देश तैयार करने चाहिए और ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जो नागरिकों और व्यवसायों की गोपनीयता की रक्षा करें। इससे पहले कैट केंद्र सरकार से इसी पॉलिसी को लेकर व्हाट्सएप को प्रतिबंधत करने की मांग कर चुका है।
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15 मई से बिजनेस ऑप्शन: वॉट्सऐप ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि हम इस बात का ध्यान रखना चाहते हैं कि शर्तों को पढऩे और स्वीकार करने के लिए आपको पूरा समय मिले, इसलिए हमने तारीख आगे बढ़ा दी है। व्हाट्सएप की प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर जो गलत जानकारी फैल रही है, उसे दूर करने के लिए हम और भी कई कदम उठाएंगे। इसके बाद हम लोगों से पॉलिसी रिव्यू करने के लिए कहेंगे और उन्हें इसके लिए भरपूर समय भी देंगे। बिजनेस ऑप्शन्स 15 मई से उपलब्ध होंगे।
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8 फरवरी वाली चिंता नहीं: ब्लॉग में कहा गया है कि हम तारीख को पीछे खिसका रहे हैं। 8 फरवरी को किसी का भी अकाउंट सस्पेंड या डिलीट नहीं होगा। इसके साथ ही हम व्हाट्सएप की प्राइवेसी और सुरक्षा आदि को लेकर फैली गलत जानकारी को लोगों के सामने स्पष्ट करने के लिए काम कर रहे हैं।
यह है मामला: व्हाट्सएप ने हाल ही में अपने उपयोक्ताओं को सेवा की शर्तों और गोपनीयता की नीति के बारे में अपडेट देना शुरू किया था। व्हाट्सएप ने इसमें बताया था कि वह कैसे उपयोक्ताओं के डेटा का प्रसंस्करण करती है और उन्हें (डेटा को) फेसबुक के साथ किस तरह से साझा करती है। अपडेट में यह भी कहा गया कि व्हाट्सएप की सेवाओं का उपयोग जारी रखने के लिये उपयोक्ताओं को 8 फरवरी, 2021 तक नई शर्तों और नीति से सहमत होना होगा। इसने इंटरनेट पर व्हाट्सएप के फेसबुक के साथ उपयोगकर्ताओं की जानकारियां साझा करने को लेकर बहस की शुरुआत कर दी।
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प्रतिद्वंद्वियों को मिल रही थी बढ़त: व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी का पूरी दुनिया में विरोध हो रहा था, इसके कारण यूजर विकल्प के तौर पर सिग्नल और टेलीग्राम जैसे प्रतिद्वंद्वी ऐप की ओर रुख कर गया था। जिसके कारण दोनों एप के डाउनलोड में अचानक से तेजी दर्ज की गई थी। यह व्हाट्सएप के बाजार को हिलाने के लिए काफी थी। पीछे हटने की एक बड़ी वजह इसे भी माना जा रहा है। दूसरी ओर, देश में आनंद महिंद्रा, पेटीएम के विजय शंकर शर्मा जैसे दिग्गज भी इसका विरोध कर चुके हैं।