अमेरिका (America) में एक प्रमुख पाइपलाइन ऑपरेटर को साइबर अटैक (Cyber Attack on Pipeline Operator) के बाद अपना पूरा नेटवर्क बंद करने पर मजबूर होना पड़ा है. कंपनी ने शनिवार को रैनसमवेयर (Ransomware) का हाथ होने की पुष्टि की. ‘कोलोनियल पाइपलाइन’ (Colonial Pipeline) ने एक बयान में कहा कि कंपनी पर एक साइबर सिक्योरिटी अटैक किया गया.
इसने कहा कि इसके जवाब में हमने खतरे को नियंत्रित करने के लिए कुछ प्रणालियों को ऑफलाइन किया. इसने अस्थायी रूप से सभी पाइपलाइन ऑपरेशन को रोक दिया और हमारे कुछ आईटी सिस्टम को प्रभावित किया है. इस तरह के हमलों के लिए अमेरिका हमेशा ही रूस को जिम्मेदार ठहराता आया है.
‘कोलोनियल पाइपलाइन’ ने शनिवार को दूसरी बार बयान जारी कर इस घटना में रैनसमवेयर का हाथ होने की पुष्टि की. रैनसमवेयर मेलवेयर का वो प्रकार होता है, जो डाटा एन्क्रिप्ट कर सिस्टम को लॉकडाउन कर देता. वहीं, दोबारा डाटा तक पहुंच के लिए ये पेयमेंट की मांग करता है. पिछले पांच सालों में इस मेलवेयर को तेजी से लोकप्रियता हासिल हुई है.
कोलोनियल नेटवर्क अमेरिकी रिफाइनरी से तेल को देश के पूर्वी और दक्षिणी घने आबादी वाले इलाके में सप्लाई करती है. कंपनी हर दिन 25 लाख बैरल पेट्रोल, डीजल, जेट फ्यूल और अन्य रिफाइन्ड उत्पादों को ट्रांसपोर्ट करती है. अब इसकी सप्लाई बाधित हो गई है. इसका पाइपलाइन का नेटवर्क 8,850 किलोमीटर में फैला हुआ है.
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पाइपलाइन का सिस्टम पूरी तरह नहीं है सुरक्षित
कंपनी का कहना है कि ये अमेरिका के पूर्वी तट में बसे इलाकों की मांग का 45 फीसदी अकेले ट्रांसपोर्ट करती है. यूनिवर्सिटी ऑफ नॉट्रे डेम के मेंडोजा कॉलेज ऑफ बिजनेस में एक प्रोफेसर और अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी के कंप्यूटर साइंटिस्ट माइक चैपल ने कहा कि इस अटैक ने पाइपलाइन के बुनियादी ढांचे को नियंत्रित करने सिस्टम को हिलाकर रख दिया. ये दिखाता है कि इस अटैक को बेहद ही जटिल तरीके से अंजाम दिया गया होगा या फिर पाइपलाइन का सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा, इस पाइपलाइन के बंद होने से यह संदेश जाता है कि हमारे राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के मूल तत्व साइबर अटैक की चपेट में आसानी से आ सकते हैं.
अमेरिका पर पहले भी हुई दो साइबर अटैक
‘कोलोनियल पाइपलाइन’ ने कहा कि इसने मामले की जांच करने के लिए एक निजी सिक्योरिटी फर्म को रखा है. इसके अलावा, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क किया गया है. इसने कहा कि वर्तमान समय में हमारा पूरा फोकस सुरक्षित और प्रभावी तरीके से सर्विस को वापस शुरू करना है, ताकि हम सामान्य ऑपरेशन के अपने प्रयासों में कामयाब हो पाएं. हाल के महीनों में अमेरिका में दो बड़े साइबर अटैक हुए हैं. ‘सोलरवाइंड’ अटैक से अमेरिकी सरकार और निजी सेक्टर के हजारों कंप्यूटर को मुसीबत झेलनी पड़ी. इसके लिए अमेरिका ने रूस को जिम्मेदार ठहराया. वहीं, दूसरा साइबर अटैक माइक्रोसॉफ्ट के इमेल सर्वर पर किया गया.
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