भोपाल। कोविड-19 (COVID-19) टीकाकरण 16 जनवरी को सुबह 9 बजे से शुरू होगा। पहला टीका सफाई कर्मचारी को दिया जाएगा। कार्यक्रम की चरणबद्ध कार्य-योजना निर्धारित कर ली गई है। प्रथम चरण में 16 जनवरी को प्रात: 9 बजे 2 लाख 25 हजार स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का टीकाकरण करने का कार्य प्रारंभ होगा।
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स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि राज्य में प्रथम चरण में पहले 15 दिन के लिये 150 साइट चयनित की गई हैं। एक सत्र में प्रत्येक साइट पर 100 लाभार्थी होंगे। सप्ताह में 4 दिन सत्र संचालित होगा। शुरूआत में चार सप्ताह की विस्तृत सेशन प्लानिंग तैयार की गई है। कोविड-19 टीकाकरण से टीकाकरण के अन्य कार्यक्रम प्रभावित न हों, इसके लिये सप्ताह में 4 दिन का कार्यक्रम रखा गया है।
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कोविड-19 के टीकाकरण कार्यक्रम में प्रथम चरण में पहली खुराक देने के लिये पहले सप्ताह में 16 से 22 जनवरी के बीच 150 चिन्हित सेशन साइट पर उच्च शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं (डीएच, सीएच, सीएचसी) से जुड़े 57 हजार स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण होगा। दूसरे सप्ताह 23 से 30 जनवरी तक 50 हजार 715 केन्द्रीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाता और निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का चिन्हित 172 सेशन साइट पर टीकाकरण होगा। तीसरे सप्ताह 31 जनवरी से 6 फरवरी तक शेष रहे 55 हजार शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कुल 200 चिन्हित सेशन साइट पर टीकाकरण होगा। चौथे सप्ताह में 7 से 13 फरवरी तक छूट गये स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कवर करने के लिये मॉपअप गतिविधि संचालित होगी। इसमें कुल 200 साइट पर 55 हजार स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का टीकाकरण करने का लक्ष्य प्रस्तावित है। राज्य के लिये कोविशील्ड वैक्सीन की प्राप्ति हुई है। भोपाल में 94 हजार, इंदौर में एक लाख 52 हजार, जबलपुर में एक लाख 51 हजार और ग्वालियर में एक लाख 9 हजार 500 डोज प्राप्त हो चुकी हैं।
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टीकाकरण के लिये गठित टीम के सदस्यों की भूमिका सुनिश्चित है। पहला सदस्य टीकाकरण अधिकारी क्रमांक-1 प्रवेश द्वार पर लाभार्थी के पंजीकरण की जाँच, फोटो आई.डी. सत्यापन और वैक्सीन प्रोटोकॉल सुनिश्चित करेगा। टीकाकरण अधिकारी क्रमांक-2 कोविन सिस्टम में दस्तावेज को प्रमाणित कर सत्यापित करेगा। इसके बाद वैक्सीनेटर लाभार्थी को टीका लगायेगा और एईएफआई का प्रबंधन करेगा, यदि कोई रिपोर्ट हो तो। इसके साथ ही कोविन सिस्टम में रिपोर्टिंग करेगा। टीकाकरण अधिकारी क्रमांक-3 और 4 टीकाकरण के बाद 30 मिनट के प्रतीक्षा समय को सुनिश्चित करवायेगा।
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किसी भी एईएफआई लक्षणों के लिये निगरानी करेगा और लाभार्थियों को जरूरी संदेश देगा। टीकाकरण के दौरान प्रत्येक चिन्हित सेशन स्थान पर एक एम्बुलेंस उपलब्ध रहेगी और मेडिकल ऑफिसर, स्टाफ नर्स केस मैनेजमेंट के लिये एम्बुलेंस में रहेंगे। राज्य-स्तर पर बनाये गये कंट्रोल-रूम का नम्बर 1075 है, जिस पर सम्पर्क कर किसी भी प्रकार की शिकायत का निवारण कराया जा सकता है। जिला-स्तर पर जिला नियंत्रण-कक्ष का नम्बर 104 है, जो किसी भी प्रकार की शिकायत का निराकरण करेगा। राज्य और जिला-स्तर पर नियंत्रण-कक्ष में अभियान के दौरान शिकायत निवारण के लिये वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।
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चरणबद्ध सत्र कार्य-योजना में प्राथमिक समूह के पहले फेज में 4 लाख स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं, सरकारी स्वास्थ्यकर्मी, निजी स्वास्थ्यकर्मी और महिला-बाल विकास विभाग की आँगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं। इसके बाद फेज-1 में फ्रंट लाइन वर्कर्स, जिनकी संख्या लगभग 4 लाख है, इनमें रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, नगरीय विकास मंत्रालय, पुलिस और राजस्व विभाग के एम्पलाई शामिल हैं। इसके बाद फेज-1 के प्राथमिकता समूह में प्रायरिटी ग्रुप है, जिसमें लगभग 1.7 करोड़ 50 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्हें गंभीर बीमारियाँ जैसे डायबिटीज, बीपी आदि हैं, उनका टीकाकरण होगा।