सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने कुछ ऐसी तस्वीरें जारी की हैं, जो पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं. ये तस्वीरें मक्का की शाही मस्जिद में मौजूद मकाम-ए-इब्राहिम की हैं. जिन्हें पहली बार जारी किया गया है. तस्वीरें देश के मक्का और मदीना मामलों के जनरल प्रेसीडेंसी ने कैप्चर की हैं. इन तस्वीरों को एक नई तकनीक की मदद से लिया गया है. जिसमें स्टैक्ड पैनोरमिक फोकस का इस्तेमाल हुआ है. इस्लाम की मान्यता के अनुसार, मकाम-ए-इब्राहिम उस पत्थर को कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल इब्राहिम (इस्लाम) ने किया था.
इब्राहिम ने पत्थर का इस्तेमाल मक्का में काबा की तामीर के दौरान दीवार बानने के लिए किया था. ताकि उसपर वह खड़े होकर दीवार का निर्माण कर सकें. जिसके बाद पत्थर पर उनके पैरों के निशान आ गए (Maqam-E-Ibrahim). इन पैरों के निशान को बेहद पवित्र माना जाता है. निशानों को संरक्षित रखने के लिए पत्थर को सोने, चांदी और कांच के फ्रेम से सजाया भी गया है. इस्लाम धर्म के अनुयायी ऐसा मानते हैं कि जिस पत्थर में पैरों को निशान हैं, वह सीधे स्वर्ग से काले रंग के पवित्र पत्थर हज-ए-असवद के साथ धरती पर आया था.
काबा में लगे हैं पत्थर
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में मकाम-ए-इब्राहिम के बारे में विस्तार से बताया गया है. इसमें कहा गया है कि इसके बीच में दो अंडाकार गड्ढे हैं, जिनपर पैंगबर इब्राहिम के पैरों के निशान हैं. इसका रंग सफेद, काला और पीला है, वहीं इसकी चौड़ाई, लंबाई और ऊंचाई 50 सेंटीमीटर बताई गई है. मकाम-ए-इब्राहिम खान-ए-काबा के द्वार के ठीक सामने मौजूद है (Prophet Ibrahim Footprints). इससे तीन दिन पहले सऊदी अरब के अधिकारियों ने काबा के काले पत्थरों की तस्वीरें भी जारी की थीं. ये पत्थर पवित्र शहर मक्का के काबा में लगे हुए हैं.
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Detailed Pictures of Maqam e Ibrahim (Station of Abraham) taken recently. pic.twitter.com/4w7U8MgSuK
— Haramain Sharifain (@hsharifain) May 5, 2021
The few remaining pieces of the Hajar al Aswad (Black Stone) pic.twitter.com/ni57cZ7L3S
— Haramain Sharifain (@hsharifain) May 4, 2021
7 घंटें में ली गईं तस्वीरें
एक स्थानीय न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, पत्थर काबा के पूर्वी हिस्से में है. काबा वो है, जिसकी तवाफ यानी परिक्रमा की जाती है. चांदी के फ्रेम से जड़े इस पत्थर की काफी अहमतिय है, इसका तवाफ के दौरान बोसा (चूमा) लिया जाता है. वहीं इस पत्थर की बात करें तो इसे हजरे असवद भी कहते हैं. इसमें हजरे का मतलब पत्थर होता है, जबकि असवद का मतलब सियाह यानी काला रंग होता है. इन सभी तस्वीरों की बात करें तो इन्हें कैप्चर करने में करीब 7 घंटे का समय लगा है (Kaaba). इस मामले में सऊदी अरब के सूचना मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया है कि ये तस्वीरें 49 हजार मेगापिक्सल तक की हैं और ऐसी 1000 से भी अधिक तस्वीरें ली गई हैं, जिनमें से बेस्ट तस्वीरों को जारी किया गया है.
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