मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने पुलिस आरक्षकों (Police constables) के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने प्रदेश में पदस्थ आरक्षकों को अपने मन मुताबिक ट्रांसफर (Transfer) लेने का ऑफर दिया है। वहीं आरक्षक अपना मनचाहा ट्रांसफर 52 में से मात्र 6 जिलों में ले सकते हैं।
मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने 9 जिलों में पदस्थ आरक्षको को ऑफर दिया है कि वह प्रदेश के 6 जिलों में से किसी में भी अपनी मनचाही पोस्टिंग (posting) की मांग कर सकते हैं। पुलिस मुख्यालय का कहना है कि जिन जिलों में आरक्षकों की संख्या अधिक है। उनमें से कम जिले वाले आरक्षकों के जिले में अगर कोई ट्रांसफर चाहता है तो उनका ट्रांसफर उस जिले में कर दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए सेवा शर्त भी रखी गई है।
दरअसल 6 जिलों में आरक्षकों की कमी हो गई है। जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने एक प्रक्रिया के तहत इन सीटों को भरने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिन जिलों में आरक्षकों की संख्या अधिक है। उन जिलों के आरक्षकों को पुलिस मुख्यालय ने ऑफर दिया है कि वह पुलिस के 6 जिलों में से किसी भी जिले में मनचाहे ट्रांसफर की मांग कर सकते हैं।
इतना ही नहीं आरक्षकों को मनचाहे ट्रांसफर के लिए शर्त यह रखी गई है कि जिन जिलों की मांग कर रहे हैं वह उनका गृह जिला ना हो और जहां वह अभी पदस्थ है। वहां उन्होंने 5 साल की सेवा अवधि पूरी कर ली हो। इसके बाद ही उन्हें कमी वाली जिलों में ट्रांसफर दिया जा सकता है।
ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 400, मुरैना 150, श्योपुर में 90, गुना में 50, छतरपुर में 50, बड़वानी में 25 और नीमच 35 आरक्षक ज्यादा है। जबकि इंदौर में 400 भोपाल में 180, रीवा में 150, उज्जैन में 150, सतना में 150 और बालाघाट में 200 से अधिक आरक्षकों की कमी हुई है। इन्हीं कमी को पाटने के लिए पुलिस मुख्यालय ने यह बड़ा निर्णय लिया है।
बता दे कि मध्य प्रदेश के 52 जिलों में से 9 जिले ऐसे हैं। जहां आरक्षकों की संख्या अधिक हो गई है। वहीं शेष बचे छह जिलों में जरूरत से बहुत कम आरक्षक मौजूद है। इसके लिए आरक्षकों की नियुक्ति को भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। वहीं सिपाहियों के बिगड़े संतुलन को एक बार फिर से पटरी पर लाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने यह प्रक्रिया आयोजित की है। जिसके मुताबिक आरक्षकों को उनका मनचाहा ट्रांसफर किया जा रहा है।