
भोपाल. मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों (Corona patients) के लिए कोविड केयर सेंटर खोले गए थे. लेकिन ऑक्सीजन बेड नहीं होने के कारण गंभीर मरीजों के वहां भर्ती होने की गुंजाइश नहीं है और कम गंभीर मरीज़ इस डर से वहां नहीं जा रहे कि अगर तबियत ज़्यादा खराब हो गयी तो पर्याप्त ऑक्सीजन कहां से मिलेगा.यही वजह है कि इन सेंटर्स में 72 फीसदी बेड खाली पड़े हैं.
सरकार ने पूरे प्रदेश में कोविड केयर सेंटर इसलिए खोले थे ताकि जिन लोगों के पास होम आइसोलेशन के लिए जगह नहीं है वो कोरोना पेशेंट्स इस सेंटर में रुकें और इलाज के बाद स्वस्थ होकर घर लौट सकें. यहां गंभीर मरीजों को भर्ती करने का प्रावधान नहीं है इसलिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन तो रखी गईं हैं लेकिन ऑक्सीजन बेड नहीं हैं. बस यही वजह है कि कोरोना से पीड़ित मरीज इन सेंटर में जाने से डर रहे हैं. यही वजह है कि केयर सेंटर्स में 72 फीसदी बेड खाली पड़े हैं.
NHM ने चिट्ठी भेजी इतनी बड़ी संख्या में बेड खाली पड़े होने के कारण अब एनएचएम ने सभी कलेक्टर को पत्र लिखा है. एनएचएम ने प्रदेश में पर्याप्त संख्या में कोविड केयर सेंटर बनाए हैं. इसलिए फिलहाल नए सेंटर खोलने की ज़रूरत नहीं है. अगर नए कोविड केयर सेंटर खोलने हैं तो प्रस्ताव बनाकर एनएचएम से इजाजत लेनी होगी.
नियुक्तियों पर NHM ने झाड़ा पल्ला राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश की संचालक छवि भारद्वाज ने प्रदेश के सभी कलेक्टर और जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण नवीन कोविड केयर सेंटर खोलने के लिए और उसकी स्वीकृति के लिए दिशा निर्देश दिए गए थे. सार्थक पोर्टल चैक करने पर पता चला कि जिलों में कोविड केयर सेंटर पर्याप्त संख्या में खोले जा चुके हैं. लेकिन इनमें से कुल 16417 बिस्तरों में से केवल 4635 यानि 28% बिस्तर ही भरे हुए हैं.
अब अगर और सेंटर खोलना हैं तो पहले परमिशन लेना होगी. छवि भारद्वाज ने बताया कि दिशा-निर्देश से बाहर जाकर कोविड केयर सेंटर में की जाने वाली अस्थायी नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और संचनालय स्वास्थ्य सेवाएं जिम्मेदार नहीं होगा.
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