दिल्ली: केजरीवाल सरकार सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए अपने स्तर पर तैयारी कर रही

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दिल्ली: दिल्ली में सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए दिल्ली सरकार अपने स्तर पर भी जुट गई है। एक तरफ सरकार उत्तरी दिल्ली में बाहरी रिंग रोड पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए एक संस्था के माध्यम से अध्ययन करा रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार ने विश्व स्तर पर काम कर रही प्रतिष्ठित ब्लूमबर्ग फिलानथ्रॉपी संस्था के साथ मिलकर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। परिवहन विभाग ने इस संस्था के साथ कुछ माह पहले एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन किया था। इसके तहत विश्व के कई जाने-माने सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ दिल्ली सरकार को सहायता प्रदान करेंगे।

परिवहन विभाग ने शुक्रवार को सड़क सुरक्षा से संबंधित मामलों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण पोर्टल लांच किया। इसमें एजेंसियों द्वारा दिल्ली सरकार को आवश्यक तकनीकी सहायता और कर्मचारियों को सड़क सुरक्षा संबंधी आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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सड़क सुरक्षा के लिए चलाई जा रही ब्लूमबर्ग फिलानथ्रॉपी
अभियंताओं के लिए इस प्रशिक्षण में यह मुख्य मुद्दा रहेगा कि सड़कों की डिजाइन में गड़बड़ी के साथ साथ वे कौन से कारक हैं जिन्हें दूर कर सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है। खतरनाक मोड़ या दुर्घटना प्रभावित क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय मानक क्या हैं? दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि दुर्घटनों के लिए चालक तो जिम्मेदार होते ही हैं मगर कई बार ऐसी स्थिति भी देखी जाती है कि दूसरे कारक भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। सड़क सुरक्षा के लिए ब्लूमबर्ग फिलानथ्रॉपी द्वारा चलाई जा रही इस मुहिम में विश्व के 30 शहरों की सूची में दिल्ली भी शामिल हो गई है।

पिछले वर्ष सड़क दुर्घटनाएं
दिल्ली में सड़कों की कुल लंबाई 33 हजार 198 किलोमीटर है। 2019 में दिल्ली में कुल 5610 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। जिसमें 1,463 लोग मारे गए और 1433 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कुल मिलाकर मृत्यु दर में कमी बताई जा रही है। सरकार को उम्मीद है इससे लोगों को राहत मिलेगी।

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