जबलपुर । नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) मामले में जबलपुर एसपी के प्रतिवेदन पर जिला दण्डाधिकारी ने सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा एवं सिटी अस्पताल की दवा दुकान में काम करने वाले देवेश चौरसिया पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है। मंगलवार को उनकी गिरफ़्तारी हुई थी।
दरअसल कुछ दिन पहले गुजरात के मोरवी जिले की पुलिस भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन को नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) बेचने के मामले में गिरफ्तार कर उसे अपने साथ गुजरात ले गई थी। इधर सपन जैन के भाई सत्यम जैन और देवेश चैरसिया जो कि सिटी अस्पताल मे दवा सप्लाई का काम देखता है उसे भी गिरफ्तार कर सघन पूछताछ की गई।
पुलिस पूछताछ में पाया गया कि 23 अप्रैल एवं 28 अप्रैल को बस के माध्यम से इंदौर से रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) के दो कार्टन जबलपुर आये थे, जिसे सरबजीत सिंह मोखा के कहे अनुसार देवेश चौरसिया लेने के लिये गया था तथा दमोहनाका स्थित ट्रांसपोर्ट से प्राप्त कर सिटी अस्पताल लाकर सरबजीत सिंह मोखा के कक्ष में रखा था। उन दवाओं का भुगतान सपन जैन के द्वारा किया गया परंतु इस सबंध मे सिटी अस्पताल के पास कोई रिकार्ड नही था।
गौरतलब है कि थाना बी डिवीजन जिला मोरवी गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन की फैक्ट्री से इंजेक्शन जब्त किये गये थे और उसी फैक्ट्री में बने नकली रेमडेसिवीर इंदौर से ट्रांसपोर्ट के माध्यम से सिटी अस्पताल जबलपुर के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा द्वारा मंगवाये गये। जब सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा की गिरफ्तारी हेतु क्राइम ब्रांच की टीमों के द्वारा दबिश दी जा रही थी, उसी दौरान पता चला कि मोखा अपने सिटी अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती होने जा रहा है।
जानकारी लगने पर ओमती पुलिस द्वारा सिटी अस्पताल में दबिश दी गयी तो सिटी अस्पताल के कोविड वार्ड में सरबजीत सिंह मोखा भर्ती मिले। सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा एवं सिटी अस्पताल की दवा दुकान में काम करने वाले देवेश चौरसिया को रासुका के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुये केन्द्रीय जेल जबलपुर में निरूद्ध कराये जाने हेतु आदेशित किये जाने के बाद हिरासत में लिया गया।
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