गोरखपुर (Gorakhpur) के रेलवे बस स्टेशन से अगवा कर नौसड़ चौकी के पास ले जाकर महाराजगंज के दो व्यापारियों से 19 लाख रुपये नकद व 11 लाख रुपये का सोना लूटने के मामले का पुलिस ने 24 घंटे के अंदर पर्दाफाश कर दिया है। घटना में बस्ती में तैनात दरोगा धर्मेंद्र यादव, कांस्टेबल संतोष यादव और कांस्टेबल महेंद्र यादव शामिल हैं। धर्मेंद्र यादव गोरखपुर, महेंद्र गाजीपुर और संतोष जनपद मऊ का निवासी है। गोरखपुर पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
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जानकारी के मुताबिक, बुधवार को महाराजगंज के व्यापारी दीपक वर्मा और रामू के साथ वारदात हुई थी। रेलवे बस स्टेशन से जनरथ बस से दोनों व्यापारी को लेकर आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया था और इनके वर्दी में होने की वजह से वर्दी वाले बदमाशों पर शक था लेकिन जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि असली पुलिस वालों ने ही लूट की घटना को अंजाम दिया है।
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घटना के बाद एक पीड़ित ने रिश्तेदार के माध्यम से नौसड़ चौकी पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पहले तो मामले को फर्जी बताया, बाद में सक्रिय हुई। सूचना मिलने पर क्राइम ब्रांच की टीम, सीओ कोतवाली वीपी सिंह मौके पर पहुंच गए। डीआईजी/एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने खुद मौका मुआयना किया। उन्हांने पर्दाफाश के लिए तीन टीमें गठित कीं। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों को भी खंगालना शुरू कर दिया।
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घटना महराजगंज जिले के निचलौल निवासी स्वर्ण व्यापारी दीपक वर्मा और रामू वर्मा के साथ हुई है। जानकारी के मुताबिक, दीपक वर्मा की अंकित ज्वैलर्स नाम से दुकान है। अपने सहयोगी रामू वर्मा के साथ वह लखनऊ जाने के लिए निकले थे। लखनऊ में गला सोना देकर ये लोग बदले में गहने लेते हैं। दीपक वर्मा के पास 11 लाख रुपये नकद और करीब साढ़े पांच लाख रुपये का सोना था।
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वहीं रामू के पास आठ लाख रुपये नकद और छह लाख रुपये कीमत का सोना था। दोनों सुबह छह बजे के करीब ट्रेन से निकले थे। आठ बजे के करीब गोरखपुर पहुंचने पर दोनों लखनऊ जाने के लिए रेलवे बस स्टेशन पर जनरथ बस में सवार हुए।
व्यापारियों के मुताबिक, बस में सीट पर बैठे थे कि इसी बीच दो वर्दीधारी आए। उनमें से एक ने खुद को नौसड़ चौकी इंचार्ज दीपक सिंह बताया। दोनों ने चेकिंग के नाम पर उन्हें बस से नीचे उतारा और एक ऑटो में बैठा लिया। विरोध करने पर जेल में बंद करने की धमकी दी। इसके बाद ऑटो से नौसड़ चौकी से आगे बढ़े। चौकी से आगे बढ़ने पर शक हुआ तो दीपक वर्मा ने विरोध किया। इसमें से एक ने असलहा सटा दिया और फिर दीपक के पास से रुपये और सोना लूट लिया।
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इसके बाद उन्हें पीटकर ऑटो से उतार दिया। थोड़ा आगे रामू से भी रुपये और सोना ले लिए। रामू से भी मारपीट की। भागकर वह पास में ही स्थित एक जिम में भी गए, लेकिन पुलिस और बदमाश समझकर लोगों ने उनकी मदद नहीं की। दीपक ने किसी तरह से अपने रिश्तेदार से संपर्क किया और नौसड़ चौकी पर जाकर पूरी बात बताई। पहले तो पुलिस ने वारदात को फर्जी बताया, लेकिन बाद में गीडा पुलिस सक्रिय हुई।