मुंबई। साढ़े पांच महीने की तीरा कामत दुर्लभ जेनेटिक बीमारी से जूझ रही है। एडवांस साइस की बदौलत उसके जिंदा रहने की उम्मीद बढ़ गई है। उसके इलाज के लिए अमरीका से 22 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। तीरा के नौकरी पेशा माता-पिता ने सोशल मीडिया के जरिए क्राउड फहिंग से यह रक्रम जुटाई है। केंद्र सरकार ने तीरा को बचाने की मुहिम में बढ़ा सहयोग दिया है। 22 करोड़ रुपए के इंजेक्शन पर लगने वाला 6.50 करोड़ का टैक्स माफ कर दिया गया है। डॉक्टर अनेता हेगड़े ने बताया, तीरा को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal muscular atrophy) (एसएमए-1) (SMA-1) बीमारी है।
यह भी पढ़ें – यूपी बोर्ड परीक्षा की तारीखों का एलान, जानिए परीक्षा कब शुरू होगी
देश में इलाज नहीं
डॉक्टर ने बताया कि इस बीमारी का उपचार देश में उपलब्ध नहीं है। तीरा के पिता मिहिर को अमरीका से इंजेक्शन मंगवाने की सलाह दी गई। वह आइटी कंपनी में कार्यरत हैं। मां प्रियंका फ़ीलांस इलस्ट्रेटर हैं। दोनों ने हार नहीं मानी और रकम जुटाने लगे। डॉ. हेगड़े ने बताया कि एसएमए बीमारी तीन तरह की होती है। एसएमए-1 खत्तरनाक है। इससे ग्रसित मरीज साल-डेढ़ साल से ज्यादा जिंदा नहीं रहते। एसएनए-2 के मरीज 10 से 15 साल जिंदा रह सकता है। एसएमए 3 के मरीजों को जान का ज्यादा खतरा नहीं होता।