उज्जैन. कोरोना संक्रमण (Corona crisis) की बेकाबू रफ़्तार और मरीजों की मौत के बाद अब भी कुछ लोग सुधरने के लिए तैयार नहीं हैं. उज्जैन (Ujjain) में एक धर्मशाला में तेरहवीं की जा रही थी. उसमें 200 लोग मौजूद थे. पुलिस ने छापा मारा तो सब भाग खड़े हुए. धर्मशाला को सील कर खाना गरीबों में बांट दिया गया है. उज्जैन में जिला प्रशासन ने 20 अप्रैल से सार्वजनिक कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगा रखा है. इसके बावजूद गोला मंडी स्थित माहेश्वरी धर्मशाला में तेरहवीं संस्कार चल रहा था. 108 वर्षीय मृतक गोपी किशन यादव का परिवार उनकी तेरहवीं कर रहा था. 200 से अधिक लोगों को बुलाया गया था. सभी के लिए खाने पीने का इंतज़ाम भी सामान्य दिनों की तरह ही किया गया था. लेकिन किसी ने खारा कुवा थाने में इसकी शिकायत कर दी. खबर मिलते ही पुलिस और तहसीलदार वहां पहुंच गए.
पुलिस के पहुंचते ही सब भाग खड़े हुए
माहेश्वरी धर्मशाला में पुलिस के पहुंचते ही अफऱा तफरी मच गयी. वहां जमा 200 से अधिक लोग इधर उधर भागने लगे. देखते ही देखते पूरी धर्मशाला खाली हो गयी. खाना बनाने वाले से लेकर साफ़ सफाई और अन्य काम करने वाले भी भाग गए.
पुलिस को मिली थी ये सूचना
खाराकुवा पुलिस को सूचना मिली थी कि गोला मंडी की माहेश्वरी धर्मशाला में 108 वर्षीय गोपीकिशन यादव की मौत के बाद तेरहवीं कार्यक्रम चल रहा है. उसमें 200 से ज्यादा लोगों को आमंत्रित किया गया है. पुलिस के आला अधिकारी सीएसपी पल्लवी शुक्ला , टीआई थाना खारकुंवा जब बल सहित माहेश्वरी धर्मशाला पहुंचे तो वंहा चल रहे कार्यक्रम में हंगामा मच गया. जमा भीड़ कार्यक्रम छोड़कर भाग गयी.
धर्मशाला सील, आयोजक पर मामला दर्ज
सीएसपी पल्लवी शुक्ला ने बताया कि कार्यक्रम की सूचना पर माहेश्वरी धर्मशाला आये तो यहां बड़ी संख्या में लोग मिले. जो फिलहाल भाग गए हैं. प्रतिबंध के बावजूद कार्यक्रम चल रहा था. आयोजक महेश यादव के खिलाफ धारा 188 ,269 , 270 में मामला दर्ज किया गया है. तहसीलदार श्रीकांत शर्मा ने बताया की माहेश्वरी धर्मशाला को सील कर दिया गया है. कर्यक्रम में जो खाना बचा हुआ था उसे गरीबों में बांट दिया गया. कार्यक्रम में कांग्रेस नेता और नगर निगम के पूर्व सभापति आजाद यादव भी मौजूद थे.