आपराधिक साजिश और जबरन वसूली करते हुए मध्य प्रदेश के दो उप निरीक्षकों (Sub inspectors) को उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) ने नोएडा (Noida) से गिरफ्तार किया था। इस मामले में अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सख्त नजर आ रहे हैं। वहीं सीएम शिवराज ने अपराधिक साजिश और जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों उप निरीक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश दे दिया है। इससे पहले इन तीनों को जनसंपर्क विभाग ने निलंबित कर दिया था।
इतना ही नहीं इस मामले में जबलपुर पुलिस अधीक्षक अंकित शुक्ला और निरीक्षक हरिओम दिक्षित पर भी संदेह होने के कारण इन दोनों अधिकारियों का तबादला (transfer) कर दिया और उन्हें पुलिस मुख्यालय भोपाल अटैच कर दिया गया। इसके साथ ही भोपाल एसपी गुरुकरण सिंह को जबलपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
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बता दें कि हाल ही में रिश्वत के मामले में साइबर सेल कर दो सब इंस्पेक्टर, आरक्षक को एडीजी ने निलंबित कर दिया था। जिसके बाद अब राज्य सरकार के आदेश पर एसपी अंकित शुक्ला को संदेहास्पद भूमिका में देखे जाने के बाद अचानक से उनका तबादला कर दिया गया है। वहीं आगामी आदेश तक उन्हें भोपाल पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया है।
ज्ञात हो कि 18 दिसंबर को नोएडा के गौतम बुद्ध नगर के सेक्टर 20 थाना, आईसीआईसीआई बैंक के में पिस्टल की नोक पर दो उप निरीक्षक बैंक लूट प्रक्रिया में शामिल थे। जिसके बाद स्थानीय नोएडा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की और शहडोल, जबलपुर से आए उपनिरीक्षक पंकज साहू और राशिद परवेज खान को गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में नोएडा पुलिस का कहना था कि पंकज साहू, राशिद परवेज खान और कॉन्स्टेबल आसिफ अली स्टेट साइबर सेल जबलपुर से जांच के लिए नोएडा आए थे और अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध न करने के लिए उन्होंने रिश्वत प्राप्त की थी। जिसके बाद उन्हें नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अब इस मामले में उनके निलंबन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है।