उत्तराखंड एसटीएफ (Uttarakhand STF) ने एक बड़ी ठगी का खुलासा किया है. जबकि एसटीएफ ने 250 करोड़ रुपये (250 Crores Cheating) की ठगी के मामले में यूपी के नोएडा से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. हैरानी की बात यह है कि ये ठगी सिर्फ 4 महीने के अंतराल में की गई है. जबकि इस ठगी को चीन की स्टार्टअप योजना के तहत बने ऐप से अंजाम देने का खुलासा हुआ है.
बता दें कि चीन की स्टार्टअप योजना के तहत बने ‘पावर बैंक ऐप’ को अब तक भारत में करीब 50 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं. जबकि इस ऐप के जरिये लोगों को 15 दिन में पैसे डबल होने का लालच दिया जाता था. इसी वजह से महज 4 महीने में ठगों ने 250 करोड़ का लोगों को चूना लगा दिया.
ऐसे चलता है ठगी का धंधा
ठगी करने वालों द्वारा लोगों से पॉवर बैंक ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहा जाता था. जब लोग इस ऐप को डाउनलोड कर लेते थे, तो उन्हें 15 दिन में पैसे डबल होने का लालच दिया जाता था. हैरानी की बात ये है कि यह धंधा करीब चार महीने से चल रहा था, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. जबकि इस पूरे मामले का खुलासा उत्तराखंड के हरिद्वार के रहने वाले व्यक्ति की शिकायत के बाद हुआ है. शिकायतकर्ता ने पुलिस को सूचना दी कि एक ‘पावर बैंक ऐप’ में 15 दिन में पैसे डबल करने के लिए उसने दो बार में 93 हजार और 72 हजार जमा किए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. इसके साथ उसने ठगी की शिकायत पुलिस थाने की.
शिकायत मिलने के बाद पुलिस को छानबीन में पता चला कि पैसे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कराए गए हैं. इसके बाद जब वित्तीय लेने देन की जांच की तो 250 करोड़ रुपये की ठगी सामने आने से पुलिस के होश उड़ गए.
उत्तराखंड एसटीएफ ने कही ये बात
इस मामले को लेकर उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि पुलिस की जांच में ठगी करने वाले विदेशी निवेशकों द्वारा भारत के कारोबारियों को कमीशन का लालच देकर ऐप के जरिए लोगों को लोन देने की बात करते थे. इसके बाद इसमें बदलाव कर लोगों को 15 दिन में पैसे डबल करने का लालच देकर पैसे निवेश किए जाने लगे. जबकि भरोसा कायम करने के लिए पैसा एक ही खाते डलवाकर भारत के कुछ लोगों वापस भी किया गया.
आरोपी से 592 सिम कार्ड और 19 लैपटॉप बरामद
उत्तराखंड एसटीएफ के एसएसपी के मुताबिक, छानबीन में नोएडा से एक आरोपी पवन पांडेय को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी के पास से 592 सिम कार्ड, 19 लैपटॉप, 5 मोबाइल फोन, चार एटीएम कार्ड और एक पासपोर्ट बरामद हुआ है. यही नहीं, एसटीएफ को जांच में पता चला कि ये रकम क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेजी जा रही है. वहीं इस मामले में देहरादून के एडीजी अभिनव कुमार ने कहा कि 250 करोड़ के ठगी के मामले की जानकारी अन्य जांच एसेंसियों आईबी और रॉ को दी गई है. इसके साथ जिन विदेशी लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उनके दूतावास से जानकारी मांगी जा रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि इस मामले में उत्तराखंड में दो और बेंगलुरु में एक मामला दर्ज है.
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