लखनऊ. कई राज्यों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी कोरोना वायरस (Corona virus) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. यूपी में रोज हजारों कोरोना संक्रमीत मरीज सामने आ रहे हैं. वहीं, सैंकड़ों मरीजों की रोज मौत भी हो रही है. इससे लोगों के बीच भय का माहौल बन गया है. वहीं, पिछले साल से तुलना करें तो मौत के आंकड़े कई गुना बढ़ गए हैं. इस बात की पुष्टी इन दिनों नगर निगम, नगर पालिका मुख्यालयों और जोन कार्यालयों में आ रहे मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate) के आवेदन हैं.
ये हालात तब हैं जब इनमें सरकारी अस्पतालों द्वारा जारी प्रमाणपत्रों की संख्या शामिल नहीं हैं. यूपी के लगभग सभी जिलों में पिछले वर्ष की तुलना में कई गुना तक आवेदन बढ़ गए हैं. बात यदि प्रयागराज की करें तो यहां अप्रैल 2020 में कुल 229 मृत्यु प्रमाणपत्र बने थे. इस बार अप्रैल महीने में मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए 734 पंजीकरण हुए है. जो कि पिछले साल से तीन गुना अधिक है.
आंकड़े के मुताबिक, प्रयागराज में इन दिनों प्रत्येक श्मशान घाट पर रोज औसतन 30 से 40 शवों के अंतिम संस्कार किया जा रहा है. प्रयागराज के नगर आयुक्त रवि रंजन ने बताया कोविड से मौतों का प्रमाणपत्र अस्पताल से बनाया जा जहा है. उधर, नगर निगम के मुताबिक, 27 अप्रैल तक दारागंज विद्युत शवदाह गृह में करीब 400 शवों का अंतिम संस्कार हुआ था.
इसमें 20 से ज्यादा लावारिश शव भी थे. 210 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए हैं इसी तरह बात यदि आगरा और अलीगढ़ की करें तो यहां पर भी मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदनों की संख्या बढ़ी है. आगरा में बीते दो महीने में मृत्यु प्रमाण पत्र के करीब 80 आवेदन आए हैं. जबकि पूर्व में ये संख्या काफी कम थी. निगम के आंकड़ों की बात की जाए तो हर दिन 70 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते हैं. 240 मृत्यु प्रमाणपत्र लंबित लंबित हैं. वहीं, अलीगढ़ नगर निगम ने अप्रैल में 210 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए हैं.
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