कटनी। स्लीमनाबाद के समीप भेड़ा गांव से दलालों के चंगुल में फंसकर कर्नाटक के विजयापुर में फंसे 18 श्रमिक व परिवार के सदस्यों की गुरूवार को सकुशल घर वापसी हुई। डेढ़ माह पहले काम की तलाश में कनार्टक गए इन श्रमिकों को वहां काम के दौरान कम मजदूरी दी गई। पूंछने पर बताया कि उनके मजदूरी के हिस्से की ज्यादातर राशि दलालों को दी गई है। कनार्टक में मजदूरों को जबरिया काम करवाया जा रहा था और घर भी नहीं आने दिया जा रहा था।
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परेशान मजदूरों ने इसकी जानकारी भेड़ा गांव में परिजनों को दी और परिजनों ने कटनी पहुंचकर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा को परेशानी बताई। कलेक्टर ने बहोरीबंद एसडीएम रोहित सिसोनिया, एसडीओ पीके सारस्वत को मजदूरों की सुरक्षित वापसी के निर्देश दिए।
प्रकरण की जांच में श्रमिकों का विवरण प्राप्त कर व्यक्तिगत रुप से चर्चा की गई। जिसमें स्पष्ट हुआ कि इन श्रमिकों के साथ स्थानीय व्यक्तियों द्वारा धोखाधड़ी करते हुये कम राशि देकर कार्य के लिये कर्नाटक प्रदेश के ग्राम हंथेड़ी तहसील चरचम जिला विजयापुर ले जाया गया है। जहां पर उनकी मजदूरी की पूरी राशि दलालों द्वारा ले ली गई और उन्हें कम पैसे दिये जा रहे हैं।
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सुरक्षित घर वापसी के लिए ऐसे बनाई रणनीति
एसडीएम बहोरीबंद रोहित सिसोनिया ने कर्नाटक के स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी आईएएस स्नेहल लोखंडे एवं राहुल थिंडे से संपर्क किया। दोनों ही प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से 18 श्रमिकों को मुक्त कराया गया। छुड़ाये गये श्रमिकों के लिये स्थानीय व्यवस्थायें पंचायत भवन में अधिकारियों के सहयोग से कराई गईं और औपचारिक कार्यवाहियां पूर्ण करते हुये बस से माध्यम से सभी श्रमिकों को नागपुर भेजा गया। नागपुर से श्रमिकों को गांव तक लाने के लिए बहोरीबंद विधायक प्रणय पांडेय ने साधन की व्यवस्था करवाई।